नई दिल्ली: 2025 में EV बाज़ार फिर से गरमा गया है। लक्ज़री कार कंपनियों से लेकर सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ियों तक, सबने अपनी-अपनी बैटरी चार्ज की लेकिन किसी की स्पीड बनी रही, किसी की स्लो हो गई और कोई बीच रास्ते ही हांफने लगा। जुलाई 2025 में लग्ज़री EV कंपनियों ने इंडिया में 2,562 यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल की तुलना में 64% की साल-दर-साल बढ़त है। इन कंपनियों ने EV मार्केट के लग्जरी सेगमेंट में 3% का स्थिर हिस्सा बरकरार रखा है।
जुलाई 2025 में BMW ने फिर साबित कर दिया कि लक्ज़री के साथ जब EV का तड़का लगता है, तो दूर-दूर तक कोई मुकाबला होता। 233 यूनिट्स बेचकर BMW जुलाई में भी टॉप पर रही। Mercedes-Benz ने कोशिश तो की, लेकिन 85 यूनिट्स पर ही रुक गई। Mercedes-Benz को पीछे छोड़ते हुए BMW सबसे आगे निकल गई। अब तक जो मैदान सिर्फ टॉप ब्रांड्स के नाम रहा करता था, वहां Kia ने चुपके से पूरी तैयारी के साथ एंट्री की है।
Carens EV और Clavis EV जैसी किफायती गाड़ियों के दम पर कंपनी ने पहली बार जुलाई में EV सेल्स में 50 यूनिट्स का आंकड़ा पार कर लिया। Volvo ने जुलाई में 41 गाड़ियों की बिक्री की। Porsche और Rolls-Royce ने भी हल्की-सी दस्तक दी। Porsche ने 6 यूनिट्स और Rolls-Royce 2 यूनिट्स बेचकर ईवी क्लब में शामिल हुई। जुलाई में Audi की सिर्फ 1 EV बिकी।
जुलाई में BYD ने केवल 457 यूनिट्स ही बिक्री रहीं। जहां पहले Tata, Mahindra, और MG जैसी टीमों का बोलबाला था, अब Kia जैसे नए खिलाड़ी भी रन बटोरने लगे हैं और Audi जैसे बड़े नाम… बस फिलहाल टीम में टिके रहने की कोशिश कर रहे हैं! Citroen? e-C3 की जुलाई में सिर्फ 41 गाड़ियां बिकीं, जो इस साल किसी भी महीने में बिकीं सबसे कम गाड़ियां हैं। Porsche या Rolls-Royce की EVs बहुत शानदार दिखती हैं, लेकिन इनकी बिक्री बहुत कम है। असली दिलचस्पी अब इस बात में है कि हर महीने कौन कितना यूजर, बाजार और ट्रेंड से “कनेक्ट” कर रहा है । EV की ये रेस अब चार्जिंग पॉइंट से आगे निकलकर इमोशनल कनेक्शन तक पहुंच चुकी है।