नई दिल्ली : Tata Motors ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में कुल 2,10,415 गाड़ियों की बिक्री की, जो पिछले साल की इसी तिमाही से 8.5% कम है। घरेलू बाजार में थोड़ी सुस्ती दिखी, कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट की बात करें तो अप्रैल-जून तिमाही में Tata Motors ने भारत में कुल 79,572 यूनिट्स बेचीं, जो बीते साल से 9% कम रही। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह भारी ट्रकों (HCV) की कमजोर डिमांड रही, जिसकी बिक्री में 12% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, छोटे कमर्शियल व्हीकल्स (SCV) और पिकअप्स की बिक्री भी 17% नीचे चली गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में Tata Motors के कमर्शियल व्हीकल्स ने शानदार प्रदर्शन किया। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में कंपनी ने 6,034 यूनिट्स का निर्यात किया, जो बीते साल से 68% ज्यादा है। जून 2025 का महीना भी उम्मीद भरा रहा, जहां मई के मुकाबले CV सेगमेंट में 8% की मंथली ग्रोथ दर्ज की गई। बाजार में रिकवरी के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं। इलेक्ट्रिक गाड़ियों और इंटरनेशनल बिज़नेस ने ग्रोथ को थामे रखा। Tata ने सबसे किफायती मिनी ट्रक – Ace Pro लॉन्च किया। कंपनी ने अपने सभी हल्के और भारी ट्रकों में AC केबिन की सुविधा भी शुरू की है।
पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में Tata Motors की कुल बिक्री वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 1,24,809 यूनिट्स रही, जो पिछले साल के मुकाबले 10% कम है। हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) ने कंपनी के लिए राहत दी। इस तिमाही में 16,231 यूनिट्स EVs की बिक्री हुई। Tata Tiago ने 16% की ग्रोथ दर्ज की। Altroz.ev और Harrier.ev को भी ग्राहकों से बढ़िया रिस्पॉन्स मिला। कुल मिलाकर, EV सेगमेंट ने पैसेंजर व्हीकल की गिरती रफ्तार को थामने का काम किया और Tata Motors को इस सेगमेंट में नई उम्मीद दी। Tata Motors ने मिस्र (Egypt) जैसे नए देशों में एंट्री की है और Middle East और North Africa में अपनी मौजूदगी मजबूती से दर्ज की है।