नई दिल्ली : यूरोपियन स्टाइल की इंजीनियरिंग और इंडियन जज़्बे के मेल से जब कार बनती है, तो सिर्फ गाड़ी नहीं, लोगों के भरोसे की चलती-फिरती मिसाल बनती है। Skoda Auto Volkswagen India ने भारत में 5,00,000वीं कार बनाकर इसी भरोसे के हाइवे पर उड़ान भरी है। पुणे और छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) की अत्याधुनिक फैक्ट्रियों में बनी यह गाड़ियां न सिर्फ भारत की सड़कों पर दौड़ रही है, बल्कि अब दुनिया के बाजारों में भी Made in India Skoda का डंका बज रहा है।
कंपनी की करीब 70% गाड़ियों का निर्माण पुणे प्लांट में हुआ, बाकी छत्रपति संभाजीनगर से निकलीं। 2001 में पहली Octavia लॉन्च करने के बाद से Skoda की भारत में मौजूदगी लगातार मजबूत होती गई है। इस दौरान कंपनी ने Octavia, Superb और Kodiaq जैसे प्रतिष्ठित मॉडल्स पेश किए, जो प्रीमियम सेगमेंट में लोगों की पसंद बने। अब कंपनी ने भारत को ध्यान में रखकर Kushaq और Slavia जैसे मॉडल्स लॉन्च किए हैं। आने वाले समय में नई सब-4 मीटर SUV ‘Kylaq’ के साथ किफायती सेगमेंट में भी दस्तक देने जा रही है। Skoda की कारें अब वियतनाम में भी असेंबल हो रही हैं। कंपनी की से ग्लोबल ऑटो प्लेयर बनने की रफ्तार तेज हो चुकी है। Skoda की यह उपलब्धि (माइलस्टोन) इंडिया में बने वाहनों को दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी है। यह “Make in India – for the World” के इंडियन गवर्नमेंट के विजन को साकार करती है।
Skoda Auto Volkswagen India के CEO पीयूष अरोड़ा बोले, “हमने केवल पांच लाख कारों की बिक्री ही नहीं की हैं, बल्कि 5 लाख रिश्ते हमने भारत के ग्राहकों से बनाए हैं। इस उपलब्धि के पीछे दशकों की तैयारी, टेक्नोलॉजी और टीम वर्क है। पुणे और छत्रपति संभाजीनगर की दो हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लोकल टैलेंट और ग्लोबल स्टैंडर्ड टेक्नोलॉजी का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। Škoda के लिए ये माइलस्टोन सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक नई उड़ान की रनवे है। Škoda की इस रफ्तार में ‘Make in India – for the World’ सिर्फ एक नारा नहीं, हकीकत बन चुका है।