अब चीन से नहीं आएगा मोबाइल का टेम्पर्ड ग्लास: india की पहली फैक्ट्री नोएडा में शुरू, 4500 लोगों को मिलेगी नौकरी

नई दिल्ली: इंडिया के ‘मेक इन इंडिया’ विजन में आज एक सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। अब आपके मोबाइल फोन की स्क्रीन की सुरक्षा करने वाला टेम्पर्ड ग्लास विदेश से खासकर चीन से आयात नहीं करना पड़ेगा। प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता Optiemus Infracom ने आज उत्तर प्रदेश के नोएडा में इंडिया के पहले टेम्पर्ड ग्लास निर्माण संयंत्र का उद्घाटन किया है। यह प्लांट अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध कंपनी Corning Inc द्वारा विकसित तकनीक पर काम करेगा।

इस ऐतिहासिक प्लांट का उद्घाटन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। यह कदम भारत को मोबाइल कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।

श्री वैष्णव ने उद्घाटन करते हुए कहा, “यह एक शानदार उपलब्धि है और प्रधानमंत्री के विजन का प्रमाण है। पिछले 11 वर्षों में इंडिया में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण छह गुना बढ़ा है। हम निकट भविष्य में मोबाइल उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले हर घटक का निर्माण भारत में ही करने की योजना बना रहे हैं। जिस तरह आज टेम्पर्ड ग्लास निर्माण संयंत्र ने काम करना शुरू कर दिया है, उसी तरह हम जल्द ही ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स भी देखेंगे।”

कितना बड़ा है यह प्लांट और कितनी नौकरियां मिलेंगी

यह प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा होगा और हजारों रोजगार पैदा करेगा:
पहला चरण: ₹70 करोड़ के शुरुआती निवेश के साथ यह सुविधा शुरू हो गई है। इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 2.5 करोड़ यूनिट होगी और इससे 600 से अधिक लोगों को सीधी नौकरी मिलेगी।
दूसरा चरण: ऑप्टिमस ₹800 करोड़ का अतिरिक्त निवेश करेगा, जिससे क्षमता बढ़कर 20 करोड़ यूनिट प्रति वर्ष हो जाएगी और 4,500 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

आम आदमी के लिए इसका क्या मतलब है

इंडिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है, लेकिन अब तक हम टेम्पर्ड ग्लास जैसी छोटी-सी चीज के लिए भी आयात पर निर्भर थे। इस प्लांट के शुरू होने से:
गुणवत्ता में सुधार: अब भारतीय ग्राहकों को पहली बार मानकीकृत, BIS सर्टिफाइड और उच्च-गुणवत्ता वाला ‘मेड इन इंडिया’ टेम्पर्ड ग्लास मिलेगा।
कम हो सकती हैं कीमतें: स्थानीय उत्पादन से भविष्य में कीमतें भी कम होने की उम्मीद है।
‘मेड इन इंडिया’ का गौरव: अब हर भारतीय अपने फोन पर गर्व से ‘मेड इन इंडिया’ टेम्पर्ड ग्लास का इस्तेमाल कर सकेगा।


इस अवसर पर Optiemus Infracom Limited के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने कहा, “हमारी आकांक्षा है कि प्रत्येक भारतीय मोबाइल फ़ोन उपयोगकर्ता अपनी स्क्रीन की सुरक्षा के लिए BIS सर्टिफाइड और फॉग मार्किंग वाले ‘मेक इन इंडिया’ टेम्पर्ड ग्लास का उपयोग करे।”

बाजार कितना बड़ा है

टेम्पर्ड ग्लास का बाजार बहुत बड़ा है, जो इस पहल के महत्व को दर्शाता है:
घरेलू बाजार: इंडिया में सालाना 50 करोड़ से ज़्यादा टेम्पर्ड ग्लास बिकते हैं, जिनका रिटेल मूल्य लगभग ₹20,000 करोड़ है।
वैश्विक बाजार: दुनिया भर में यह बाजार 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक का है।

ICEA के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू के अनुसार, यह सेक्टर भारत के लिए न केवल घरेलू मांग को पूरा करने, बल्कि एक प्रमुख निर्यातक बनने का भी एक जबरदस्त अवसर प्रस्तुत करता है, जिससे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सेसरीज मैन्युफैक्चरिंग का एक वैश्विक केंद्र बन जाएगा।