नई दिल्ली: FADA ने नवंबर 2025 की वाहन रिटेल रिपोर्ट जारी की है, जो बताती है कि फेस्टिव सीज़न के बाद भी ऑटो रिटेल की रफ्तार कायम है। इस महीने कुल रिटेल बिक्री साल-दर-साल 2.14% बढ़ी। नवंबर 2024 में दिवाली के तुरंत बाद भारी रजिस्ट्रेशन हुए थे। इसके उलट इस बार अक्टूबर में ही दिवाली पड़ जाने की वजह से फेस्टिव डिलीवरी पिछले महीने हो चुकी थी। फिर भी नवंबर में मांग बनी रहना इंडस्ट्री के लिए पॉज़िटिव संकेत माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार दोपहिया वाहन बिक्री 3.1 फीसदी घट गई क्योंकि रिटेल का बड़ा हिस्सा अक्टूबर में शिफ्ट हो गया था। जीएसटी 2.0 के कट, लगातार मिल रहे ऑफर्स और ग्रामीण बाज़ार से आती पूछताछ ने इस सेगमेंट को सहारा दिया। पैसेंजर व्हीकल (PV) सेगमेंट ने जबरदस्त 19.7% की बढ़ोतरी दर्ज की। बेहतर मॉडल उपलब्धता, कॉम्पैक्ट SUVs की मजबूत डिमांड और साल के अंत में मिलने वाले डिस्काउंट्स ने इस ग्रोथ को और तेज़ किया। कमर्शियल व्हीकल (CV) सेगमेंट में भी 19.94% की तेज़ बढ़त देखी गई। तीन पहिया वाहनों की बिक्री 23.67% बढ़ी। ट्रैक्टरों की मांग 56.55% उछली। कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट सेगमेंट में 16.5% की गिरावट दर्ज की गई।
FADA ने निकट भविष्य को लेकर भी सकारात्मक संकेत दिए हैं। रबी की बुवाई 39.3 मिलियन हेक्टेयर को पार कर गई है, जो इस बार किसानों की आय और ग्रामीण खर्च में मजबूती का संकेत देती है। इसके साथ ही सामान्य से ज्यादा ठंडी सर्दियों का अनुमान लगाया गया है, जिससे लॉजिस्टिक्स और मौसमी मोबिलिटी में बढ़ोतरी की उम्मीद है। एफएमसीजी, ट्रैक्टर और दोपहिया सेगमेंट में ग्रामीण खपत की वापसी के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं। GST 2.0 सुधारों और लगातार जारी उपभोक्ता स्कीमों के कारण दिसंबर में भी मांग के टिके रहने की उम्मीद है।
अगले तीन महीनों को लेकर 74% डीलर्स ने ग्रोथ का अनुमान जताया है। उनका कहना है कि 2026 की नई लॉन्चिंग्स, शादी-ब्याह का सीज़न और फसलों से मिलने वाली नकदी बाज़ार में नई जान डालेंगे। हालांकि मॉडल-ईयर चेंज और फेस्टिव ट्रिगर्स के न होने से हल्की सुस्ती भी आ सकती है। ‘वन नेशन, वन टैक्स’ और ‘विकसित भारत 2047’ जैसे विज़न affordable mobility को अगले स्तर पर ले जा सकते हैं।
