नई दिल्ली: सोचिए, आप अपने कंप्यूटर से कहें कि मेरे लिए एक वेबसाइट बना दो या फिर कल शाम 5 बजे डॉक्टर का अपॉइंटमेंट बुक कर दो और ये काम सचमुच अपने-आप हो जाए। यही कमाल करने आया है भारत का नया AI प्लेटफॉर्म ‘M’। ‘M’ ओपन-सोर्स AI प्लेटफॉर्म है। इसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है, बदल सकता है और अपने हिसाब से नए काम जोड़ सकता है। इसे NxtGen नाम की कंपनी ने बनाया है, जो क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर में काम करती है।
अभी तक जो AI देखा होगा वो बस बातें करता है। आप पूछो – “आज मौसम कैसा है?” तो जवाब मिल जाएगा। लेकिन ‘M’ सिर्फ़ जवाब नहीं देता, ये तो सीधा काम में लग जाता है। इसमें हज़ारों AI मॉडल्स भरे पड़े हैं। काम के हिसाब से ये अपने आप सही वाला चुन लेता है। आवाज़ सुनकर भी काम करता है। अपॉइंटमेंट बुकिंग, सर्विस ऑर्डर जैसे असली ज़िंदगी के काम भी कर सकता है। आपका डेटा कहीं बाहर इंटरनेट पर नहीं घूमेगा। सब कुछ NxtGen के अपने सिस्टम में लॉक रहता है। बड़ी कंपनियां और सरकारी दफ़्तर भी इसे आराम से यूज़ कर सकते हैं।
स्टार्टअप्स के पास जिनके पास पैसा और रिसोर्स कम होता है, वो भी अपने ऐप्स और प्रोडक्ट्स में आसानी से AI डाल पाएंगे और दिग्गज कंपनियों जैसा स्मार्ट सॉफ्टवेयर बना पाएंगे। कंपनियों के रोजाना के काम जैसे रिपोर्ट बनाना, डेटा एंट्री, मीटिंग शेड्यूल करना अपने आप हो जाएंगे। इससे वक़्त और पैसा दोनों बचेंगे। सरकार को एक ऐसा AI मिलेगा , जो सुरक्षित और भरोसेमंद होगा, ताकि गोपनीय (confidential) डेटा बाहर न जाए। यानी सरकारी दफ़्तरों का काम तेज़ और सुरक्षित होगा। आम लोगों के काम भी आसानी से AI से निपट जाएंगे।
M एक ही मॉडल पर अटका नहीं रहता। अगर किसी टास्क के लिए छोटा, फास्ट मॉडल चाहिए तो वही ले लेगा। अगर काम बहुत भारी और जटिल है तो बड़ा और पावरफुल मॉडल चुन लेगा। जैसे वेबसाइट बनाने के लिए कोड समझने वाला मॉडल, वॉयस कमांड पर काम करने के लिए स्पीच वाला मॉडल, डॉक्यूमेंट से सार निकालने के लिए लैंग्वेज प्रोसेसिंग वाला मॉडल, और रियल-लाइफ काम (जैसे अपॉइंटमेंट बुक करना) के लिए API हैंडल करने वाला मॉडल। ‘M’ अलग-अलग काम के लिए अलग-अलग स्पेशलिस्ट AI का सहारा लेता है।