नई दिल्ली: इंडिया में डिजिटल क्रांति को रफ़्तार देने के अपने वादे को दोहराते हुए Ericsson ने India Mobile Congress 2025 (IMC) में 5G और AI से जुड़े कई शानदार इनोवेशन दिखाए। IMC में Ericsson के इमर्सिव बूथ में लाइव डेमो दिखाए गए, जो यह बताते हैं कि डिजिटलीकरण अब गांवों, अस्पतालों और सार्वजनिक सेवाओं को भी बदल रहा है।
इंडिया अब दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते 5G बाजारों में शामिल है। देश में 360 मिलियन से ज़्यादा 5G यूज़र्स हैं और नेटवर्क 80% से अधिक आबादी तक पहुंच चुका है। Ericsson के साउथ-ईस्ट एशिया और इंडिया हेड अंद्रेस विसेंटे ने बताया कि भारत अब AI, क्लाउड और कनेक्टिविटी के नए युग में कदम रख चुका है। India Mobile Congress 2025 में इस बार कई ऐसे देसी इनोवेशन दिखे जो बतौर “Made-in-India टेक” वाकई कमाल के थे। इनमें ग्रेन ATM ‘Annapurti’ की झलक दिखाई दी। ये 5G-सक्षम स्मार्ट मशीन आधार कार्ड से पहचान कर सिर्फ 30 सेकंड में 25-30 किलो अनाज निकाल देती है। अभी ये सिस्टम शिलॉन्ग, वाराणसी, लखनऊ और भोपाल में चल रहा है।
स्मार्ट स्टेथोस्कोप ‘StethoECG’ ऐसे ही इनोवेशन की मिसाल है। IIT मद्रास और Ericsson का बना यह 5G वाला डिवाइस ECG और स्टेथोस्कोप दोनों का काम करता है। इससे डॉक्टर अब दूरदराज के मरीजों का दिल की जांच रियल टाइम में कर सकते हैं। रेलवे के लिए रोबोटिक इंस्पेक्शन सिस्टम का डेमो भी पेश किया गया। रेल कोच की जांच ‘रोबोटिक डॉग करेगा’, जो सेंसर और कैमरों से डिफेक्ट पहचानकर 5G नेटवर्क के ज़रिए लाइव डेटा भेजेगा। इससे रेलवे सेफ्टी और एफिशिएंसी दोनों बढ़ेंगी।
अब 8.4 मिलियन भारतीय घरों में 5G इंटरनेट FWA कनेक्शन है, जिनमें 40% गांवों के हैं। AR-आधारित ‘Train Ride to the Future’ के वर्चुअल डेमो में दिखाया गया कि भविष्य की ट्रेनें 5G नेटवर्क से चलेंगी, जहां यात्री बिना रुकावट इंटरनेट, वीडियो कॉल और काम जैसी सुविधाओं का मज़ा ले सकेंगे। Ericsson 2 जी से 5 जी तक भारत की टेलीकॉम यात्रा का हिस्सा अब कंपनी का लक्ष्य भारत के अगले डिजिटल दशक की बुनियाद AI, 5G और सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी पर रखना है।
