नई दिल्ली: ग्रांट थॉर्नटन भारत ऑटोमोटिव डीलट्रैकर Q3 2025 के अनुसार, इंडिया के ऑटोमोबाइल उद्योग ने पिछले एक वर्ष से अधिक समय में तिमाही का अपना सबसे मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया, जिसमें 30 लेनदेन लगभग ₹38,000 करोड़ के हुए।
ग्रांट थॉर्नटन भारत की Q3 2025 रिपोर्ट के अनुसार 38,000 करोड़ रुपये में से ₹31,000 करोड़ अकेले टाटा मोटर्स के सौदे से आए, जब कंपनी ने Iveco S.P.A. का अधिग्रहण किया। सभी सौदों का संयुक्त मूल्य पिछली तिमाही से 36% कम हुआ है। भारत के ऑटो सेक्टर में कुल मिलाकर सौदे तो हो रहे हैं, लेकिन वास्तविक रफ्तार बड़ी कंपनियों के बड़े कदमों से ही बन रही है। छोटे और मध्यम स्तर की डील्स फिलहाल उतनी दमदार नहीं हैं। इन ₹38,000 करोड़ में से 31,000 करोड़ अकेले टाटा मोटर्स के सौदे से आए, जब कंपनी ने Iveco S.P.A. का अधिग्रहण किया। बाकी सभी सौदों की कुल वैल्यू पिछली तिमाही से 36% कम रह गई।
इंडिया के ऑटो सेक्टर में डील्स की गिनती तो स्थिर है, लेकिन वास्तविक रफ्तार बड़ी कंपनियों के बड़े कदमों से ही आ रही है। छोटे और मध्यम आकार की डील्स अभी भी सीमित हैं यानी मार्केट का मूड “बिग मूव्स, बिग मनी” वाला बना हुआ है। सौदे लगभग उतने ही हैं जितने पिछले क्वार्टर में थे। तेज़ उछाल सिर्फ एक ही विशाल सौदे की वजह से आया। फिलहाल भारत का ऑटो सेक्टर “बिग प्लेयर्स का गेम” बन गया है और टाटा ऑटो सेक्टर की इस तिमाही को अगर क्रिकेट मैच मानें तो टाटा मोटर्स का Iveco सौदा एक शानदार सेंचुरी जैसा है। बाकी खिलाड़ी रन तो बना रहे हैं, लेकिन मैच का पासा पलटने की ताकत अभी भी कुछ बड़े नामों के हाथ में है।
