RBI की रेपो रेट में कटौती+GST 2.0 से ऑटो इंडस्ट्री को डबल बूस्टर डोज, कार लोन होंगे सस्ते

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की कटौती कर इसे 5.25% कर दिया है। रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से कम ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा और इसका फायदा ग्राहकों को ऑटो लोन की किस्तों में कमी के रूप में मिलेगा। इससे पहले सरकार से जीसीटी 2.0 लाकर लोगों को टैक्स में राहत दी थी। भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को जीएसटी 2.0 के बाद रिजर्व बैंक की ओर से की गई रेपो रेट में कटौती से डबल बूस्टर डोज मिला है। इससे नई कार, बाइक और मोटरसाइकिल के खरीदारों को निश्चित रूप से फायदा मिलेगा।

अब कार, बाइक और स्कूटर के लिए लोन की लागत कम होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे गाड़ियों की बिक्री में तेजी आ सकती है। जीएसटी 2.0 के बाद वाहन की कीमतों में गिरावट देखने में मिली और उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता बढ़ी। विशेषज्ञों का कहना है कि अब आरबीआई के नए ऐलान से ऑटो कंपनियों को उत्पादन और बिक्री दोनों में फायदा होगा। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हुंडई और महिंद्रा इस अवसर का फायदा उठाने के लिए प्राइसिंग और मार्केटिंग रणनीति की समीक्षा कर रही हैं। डीलर संभावित बिक्री में वृद्धि के लिए तैयार हैं। सरकार की यह पहल घरेलू खपत बढ़ाने और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी सहायक होगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 5.25% कर दिया, जो पहले 5.5% थी। इस पर SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) के अध्यक्ष और Tata Motors Passenger Vehicles Ltd के CEO शैलेश चंद्रा ने कहा कि RBI की ब्याज दरों में कटौती और रेपो रेट में कमी मिलकर खरीदारी को आसान बनाएंगे। अब लोग कार खरीदने के लिए कम ब्याज दर पर लोन ले सकेंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि मौद्रिक (RBI की दर) और वित्तीय (सरकारी टैक्स और GST) नीतियों का यह मेल भारतीय ऑटो उद्योग की बिक्री को तेजी से बढ़ाएगा। ब्याज दर कम होने से गाड़ी के लोन सस्ते होंगे। टैक्स और GST में सुधार से ऑटो कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी और इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा।