इंडियन नट-बोल्ट्स का धमाका, भारत बना ग्लोबल ऑटो स्पेयर पार्ट्स का पावरहाउस : ACMA

नई दिल्ली : अब सिर्फ कारें और एससूवी ही सड़कों पर नहीं दौड़ रहीं है, उनके कंपोनेंट्स और पार्ट्स भी कमाई के ट्रैक पर फर्राटा भर रहे हैं। इंडिया की ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री ने 2024-25 में 6.73 लाख करोड़ रुपये का जबरदस्त टर्नओवर दर्ज किया है। क्लच, ब्रेक, स्टीयरिंग और सस्पेंशन अब सिर्फ कार चलाने के काम नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। ACMA (Automotive Component Manufacturers Association of India) की रिपोर्ट के अनुसार FY20 से FY25 के बीच इंडस्ट्री ने 14% की CAGR ग्रोथ दर्ज की। पिछले 5 वर्षों में इंडस्ट्री लगभग दोगुनी हो गई है।

पिछले पांच सालों में इस सेक्टर ने 14% की सालाना ग्रोथ के साथ दोगुना विकास किया है। एक्सपोर्ट के मोर्चे पर भी इंडिया ने दुनिया को दिखाया है कि हम सिर्फ गाड़ियां नहीं, क्वॉलिटी कलपुर्जे भी बनाते हैं। अमेरिका और एशिया में डिमांड तेजी से बढ़ी है। अमेरिका में 8% और एशिया में 15% की ग्रोथ दर्ज की गई है। कुल मिलाकर इंडिया ने 22.9 बिलियन डॉलर की एक्सपोर्ट कमाई की, और इम्पोर्ट के मुकाबले 453 मिलियन डॉलर का ट्रेड सरप्लस हासिल किया।

इंडिया की कार निर्माता कंपनियों को भी 5.7 लाख करोड़ रुपये के पार्ट्स सप्लाई किए गए है। भारत अब पुर्जों की सप्लाई के मामले में आत्मनिर्भर बन रहा है। रिपेयर और रिप्लेसमेंट का बाजार भी 1 लाख करोड़ के करीब पहुंच चुका ह। गांवों, कस्बों और ऑनलाइन ऑर्डर करने वाले वाले यूज़र्स की वजह से यह उछाल आया है।

अब इंडिया सिर्फ गाड़ियों की असेंबली करने वाला देश नहीं रहा। अब हमारा देश दुनिया की गाड़ियों के कंपोनेंट और पाटर्स पूरे स्टाइल और क्वॉलिटी के साथ बना रहा है। जो सेक्टर कभी गाड़ियों के पीछे छुपा रहता था, आज वही ग्लोबल स्टेज पर स्पॉटलाइट में है। भारत की ऑटो कंपोनेंट्स इंडस्ट्री अब दुनिया के ऑटोमोटिव नक्शे पर अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा चुकी है। अब इंडिया सिर्फ “मेक इन इंडिया” नहीं कर रहा, मेकिंग फॉर द वर्ल्ड कर रहा है। बड़ी कंपनियां भारत को सिर्फ एक सप्लायर नहीं, एक भरोसेमंद पार्टनर मानने लगी हैं।