Ashok Leyland ‘ग्रीन’ भविष्य में करेगा बड़ा निवेश: 5000 करोड़ से बनेगा इंडिया का सबसे बड़ा बैटरी इकोसिस्टम

नई दिल्ली: इंडिया की अग्रणी कमर्शियल व्हीकल कंपनी Ashok Leyland ने एक सतत और हरित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कंपनी ने आज घोषणा की है कि वह ऊर्जा भंडारण प्रणालियों सहित ऑटोमोटिव और गैर-ऑटोमोटिव, दोनों अनुप्रयोगों के लिए अगली पीढ़ी की बैटरियों के विकास और निर्माण में ₹5000 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी। यह निवेश अगले 7-10 वर्षों में किया जाएगा। यह कदम कंपनी को देश में विद्युतीकरण इकोसिस्टम बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार करता है।

CALB के साथ ऐतिहासिक साझेदारी

अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए Ashok Leyland ने चीन की एक प्रमुख बैटरी प्रौद्योगिकी कंपनी CALB (HK) कंपनी लिमिटेड के साथ एक दीर्घकालिक विशेष साझेदारी की है। इस समझौते पर Ashok Leyland के प्रबंध निदेशक और सीईओ शेनू अग्रवाल और CALB के सीईओ जैकी लियू ने हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी भारत में बैटरी के स्थानीयकरण को बढ़ावा देगी और आयात पर निर्भरता को कम करेगी।

निवेश का क्या होगा असर

यह निवेश सिर्फ Ashok Leyland के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए फायदेमंद साबित होगा।
आत्मनिर्भरता: Ashok Leyland इंडिया में बैटरियों का स्थानीयकरण करेगा। इससे न केवल कंपनी के अपने इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टफोलियो (Ashok Leyland और स्विच) की जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि यह पूरे ऑटोमोटिव क्षेत्र और ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में भी गैर-कैप्टिव मांग को पूरा करेगा।
रिसर्च और इनोवेशन: कंपनी एक वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र (Global Centre of Excellence) बनाएगी, जो बैटरी सामग्री, रीसाइक्लिंग, बैटरी प्रबंधन प्रणालियों और उन्नत विनिर्माण प्रक्रियाओं में नवाचार को बढ़ावा देगा।
रोजगार के अवसर: इस बड़े निवेश से देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होने की भी उम्मीद है।

लीडरशिप का दृष्टिकोण

इस महत्वपूर्ण घोषणा पर Ashok Leyland के अध्यक्ष धीरज हिंदुजा ने कहा, “CALB के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी इंडिया में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने और जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ शेनू अग्रवाल ने यह भी बताया कि शुरुआती चरण में यह नया व्यवसाय ऑटोमोटिव क्षेत्र पर केंद्रित होगा, और बाद में ऊर्जा भंडारण प्रणालियों सहित गैर-ऑटोमोटिव क्षेत्रों में भी विस्तार करेगा।

त्योहारी सीज़न से पहले ही धमाकेदार शुरुआत: Ashok Leyland की अगस्त में कुल 15,239 यूनिट्स की बिक्री

नई दिल्ली: इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कमर्शियल व्हीकल का बाज़ार इकॉनमी की रीढ़ माना जाता है और इस मार्केट के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक Ashok Leyland ने अगस्त 2025 में अपनी बिक्री के आँकड़े जारी कर एक बार फिर अपनी मजबूत स्थिति साबित कर दी है। कंपनी ने कुल बिक्री में सालाना आधार पर 5% की वृद्धि दर्ज की, जिसमें बस सेगमेंट ने सबसे ज़्यादा सुर्खियां बटोरीं।

कुल बिक्री में 5% की वृद्धि

अगस्त 2025 में Ashok Leyland की कुल बिक्री (घरेलू और निर्यात मिलाकर) 15,239 यूनिट्स रही, जो अगस्त 2024 में बेची गई 14,463 यूनिट्स की तुलना में 5% अधिक है। यह वृद्धि ऐसे समय में आई है जब बाज़ार में हल्की सुस्ती का माहौल है, जो अशोक लेलैंड के उत्पादों की मजबूत मांग और गुणवत्ता को दर्शाता है।

बस सेगमेंट ने बनाया नया रिकॉर्ड

इस महीने का सबसे बड़ा हाईलाइट रहा बस सेगमेंट का शानदार प्रदर्शन।
कुल M&HCV बस बिक्री: अशोक लेलैंड ने कुल 2,643 M&HCV बसें बेचीं, जो पिछले साल इसी महीने के मुकाबले 36% की जबरदस्त वृद्धि है। यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि यात्री परिवहन क्षेत्र में सुधार हो रहा है और सार्वजनिक परिवहन की मांग फिर से बढ़ रही है।
घरेलू M&HCV बस बिक्री: घरेलू बाजार में भी बस की बिक्री में जोरदार उछाल देखने को मिला। कंपनी ने 1,565 यूनिट्स बेचीं, जो पिछले साल के मुकाबले 11% ज़्यादा है।
यह ग्रोथ मुख्य रूप से सरकारी परियोजनाओं, नए स्कूल और कॉलेज खोलने और इलेक्ट्रिक बसों की बढ़ती मांग के कारण हुई है।

ट्रक और LCV सेगमेंट का प्रदर्शन

जहां बस सेगमेंट ने रफ्तार भरी, वहीं अन्य सेगमेंट ने भी अपनी स्थिरता बनाए रखी:
M&HCV ट्रक: M&HCV ट्रकों की कुल बिक्री 6,738 यूनिट्स रही, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग स्थिर (0% की वृद्धि) रही। हालांकि, घरेलू बाजार में 1% की मामूली वृद्धि के साथ 6,426 यूनिट्स की बिक्री हुई।
हल्के वाणिज्यिक वाहन (LCVs): LCV सेगमेंट में भी स्थिर प्रदर्शन जारी रहा। कुल LCV बिक्री 5,858 यूनिट्स रही, जो पिछले साल के मुकाबले 1% ज़्यादा है। घरेलू LCV बिक्री भी 1% बढ़कर 5,631 यूनिट्स पर पहुँच गई।

एक्सपोर्ट में भी ग्रोथ

Ashok Leyland ने सिर्फ घरेलू बाजार में ही नहीं, बल्कि वैश्विक बाज़ार में भी अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी। कुल निर्यात (घरेलू बिक्री को छोड़कर) अगस्त 2024 के 1,116 यूनिट्स से बढ़कर 1,617 यूनिट्स हो गया, जो 45% से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह वैश्विक बाज़ार में कंपनी के बढ़ते प्रभाव का एक मजबूत संकेत है।

अगस्त 2025 की बिक्री रिपोर्ट से यह साफ है कि अशोक लेलैंड अपने प्रमुख बस सेगमेंट में एक बार फिर से लीडरशिप पोजिशन हासिल कर रही है। हालांकि ट्रकों और LCVs में ग्रोथ धीमी रही, लेकिन बस सेगमेंट का मजबूत प्रदर्शन और निर्यात में उछाल कंपनी की कुल ग्रोथ को एक सकारात्मक दिशा दे रहा है। यह रिपोर्ट निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों दोनों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो दिखाती है कि वाणिज्यिक वाहन बाज़ार में तेजी का दौर वापस आ रहा है।

जून में Ashok Leyland की बसों की बंपर बिक्री ने ट्रकों की सुस्ती पर लगाया ब्रेक

नई दिल्ली : Ashok Leyland की जून 2025 की घरेलू बिक्री जून में कमर्शियल व्हीकल इंडस्ट्री की स्टीयरिंग व्हील बसों ने थाम ली। भारी ट्रकों की बिक्री 11% लुढ़क गई, लेकिन बसों की तेज़ रफ्तार ने बाजार को संतुलन कायम रखा। बसों की बिक्री में 56% की जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई। जून 2025 में डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट को मिलाकर 15,333 गाड़ियों की बिक्री हुई, जो जून 2024 की तुलना में 3% ज्यादा है। डोमेस्टिक मार्केट में 14,184 यूनिट्स बिकीं, जो पिछले साल की तुलना में 1 फीसदी कम है। इस मामूली गिरावट के बावजूद बस सेगमेंट में 42% की उछाल ने बाजार पर अपनी पकड़ बनाए रखी।

Ashok Leyland की जून 2025 की घरेलू बिक्री रिपोर्ट जून में भारी ट्रकों की बिक्री 7,417 से घटकर 6,554 यूनिट्स रह गई। इसमें 11% की गिरावट आई । LCV सेगमेंट में छोटे ट्रकों और पिकअप की बिक्री में 2% की हल्की बढ़त जरूर दर्ज हुई, लेकिन असली जान तो बसों ने ही फूंकी।

जनवरी से जून 2025 की अवधि में 44,238 यूनिट्स की बिक्री हुई। वित्त वर्ष की पहली छमाही में भी बसें ही आगे रहीं। सिटी और इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाली बड़ी और भारी बसों की बसों की बिक्री में 2% से लेकर 12% तक की ग्रोथ देखने को मिली, जबकि भारी ट्रकों में 3% की गिरावट रही। शहरों के साथ-साथ इंटरसिटी रूट्स पर भी नई बसों की मांग ज़ोर पकड़ रही है। सरकारी खरीद हो या प्राइवेट ऑपरेटर, सबकी नज़रें अब बसों पर टिक गई हैं। ट्रकों की सुस्ती के बीच बसों ने जून में मार्केट की तस्वीर को ना सिर्फ संभाला, बल्कि अगले महीनों के लिए एक पॉजिटिव ट्रेंड भी सेट किया।