फेस्टिवल से पहले बाज़ार पर GST का ब्रेक : ग्राहक इंतज़ार के मूड में, कंपनियों को टेंशन

नई दिल्ली: त्योहारों से ठीक पहले ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। बाज़ार पर सन्नाटा छाने का खतरा मंडरा रहा है। गाड़ियों से लेकर टीवी-फ्रिज तक, हर बड़े सामान की खरीदारी अब ठंडी पड़ सकती है। ग्राहक दिवाली से पहले आने वाली जीएसटी दरों में कटौती का इंतज़ार कर रहे हैं। ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का कहना है कि अगर सितंबर में जीएसटी काउंसिल मीटिंग के तुरंत बाद नई दरें लागू हो जातीं, तो गणेश चतुर्थी, ओणम और दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों पर सेल्स रिकॉर्ड तोड़ देतीं। लेकिन अब ग्राहक हाथ रोककर बैठे हैं और डीलरों के शोरूम खाली नज़र आने लगे हैं।

अब दरअसल लोग इंतज़ार करेंगे, जिससे अगले दो महीनों में डीलरों के यहां भीड़ घट सकती है। 4 मीटर तक की छोटी कारें 28% से घटकर 18% जीएसटी स्लैब में आ सकती हैं। बड़े वाहनों पर टैक्स 43-50% से घटाकर 40% किया जा सकता है। दोपहिया गाड़ियां भी 28% से घटकर 18% में आ सकती हैं। टीवी (32 इंच से बड़े), एसी और डिशवॉशर जैसे प्रोडक्ट्स 28% से 18% स्लैब में आने की उम्मीद।

गणेश चतुर्थी और ओणम अगस्त-सितंबर में हैं, जबकि दिवाली अक्टूबर में। ऐसे में शुरुआती सीज़न पर मंदी और दिवाली पर उछाल का अनुमान लगाया जा रहा है। जीएसटी 2.0 ग्राहकों के लिए तो राहत और सस्ता बाज़ार लाएगा, लेकिन कंपनियों के लिए यह इंतज़ार का दौर अभी मुश्किल साबित हो सकता है। चर्चा है कि सरकार जीएसटी के नए ताश के पत्ते खोलने वाली है। गाड़ियों से लेकर टीवी और एसी तक—हर जगह कीमतें हल्की हो सकती हैं। लेकिन ट्विस्ट ये है कि नई दरें आएंगी तो सही, पर दिवाली तक! यानी अभी खरीदारी का मूड बनाने वाले ग्राहकों के पैर ब्रेक पर हैं।

Super Plastronics के सीईओ अवनीत सिंह मरवाह का कहना है कि पिछले दो महीनों में जहां 4% और 12% की ग्रोथ मिली थी, वहीं अब हालात उलटे हो सकते हैं। Super Plastronics इंडिया में Kodak, Thomson और Blaupunkt जैसे ब्रांड्स बेचती है। अब कंपनी मान रही है कि जब तक नई दरें लागू नहीं हो जातीं, टीवी खरीदारी पर ठंडी हवा चलती रहेगी।

GST 2.0 का धमाका: 04 सितंबर को पता लगेगा छोटी कारें कितनी सस्ती होंगी

नई दिल्ली: ऑटो सेक्टर में आज निवेशक, एक्सपर्ट और ऑटो कंपनियां सभी की निगाहें सरकार के GST 2.0 रिफॉर्म्स पर टिकी हैं। GST पर मिनिस्टर्स ग्रुप (GOM) की मीटिंग के बाद अब 03-04 सितंबर, 2025 को GST Council की मीटिंग नई दिल्ली में होने वाली है। इस मीटिंग में ही तय हो जाएगा कि इंडिया में कारों की क़ीमतों में कितने की कटौती होगी।

ऐसा माना जा रहा है कि वाहनों पर लगने वाला 28% GST घटकर 18% पर आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो Maruti Suzuki, Tata Motors, Mahindra & Mahindra (M&M) और Ashok Leyland जैसे दिग्गजों को ज़बरदस्त फायदा मिलेगा और बाजार में नई रफ्तार देखने को मिलेगी। छोटी कारों के लिए यह कदम किसी गेम-चेंजर से कम नहीं होगा।

छोटी गाड़ियां, जिनकी लंबाई 4 मीटर तक और इंजन 1,200cc तक होता है, उन पेट्रोल, CNG या LPG कारों पर 29% टैक्स लगता है। इसमें 28% GST और 1% सेस शामिल है। छोटी डीज़ल कारों पर ये टैक्स और ज़्यादा यानी 31% तक पहुंच जाता है। बड़ी कारों और SUV पर तो 43 से 50 फीसदी तक टैक्स वसूला जाता है अगर GST को घटाकर 18% कर दिया जाता है तो सबसे बड़ा फायदा इन्हीं छोटी गाड़ियों को मिलेगा। कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी। टैक्स कम होने से गाड़ियों की कीमत घटेगी और आम खरीदारों की जेब पर बोझ कम होगा।

इंडिया में फिलहाल छोटी पैसेंजर कारों—जिनकी लंबाई 4 मीटर तक और इंजन कैपेसिटी 1,200cc तक (पेट्रोल, CNG, LPG) होती है—उन पर कुल 29% टैक्स लगता है। इसमें 28% GST और 1% सेस शामिल है। अगर यही गाड़ी डीज़ल इंजन में है तो टैक्स और बढ़कर 31% हो जाता है। दूसरी तरफ, बड़ी कारें और SUV तो दुनिया के सबसे महंगे टैक्स स्लैब में आती हैं—जहाँ कुल टैक्स दर 43% से 50% तक पहुंचती है। यह कदम ऑटो सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है—एक तरफ़ उद्योग को रफ्तार मिलेगी, दूसरी तरफ़ मिडिल क्लास ग्राहकों की जेब पर बोझ कम होगा।