नई दिल्ली : शहरी डिमांड कमजोर पड़ने के कारण जून 2025 में इंडियन डोमेस्टिक मार्केट में कारों की बिक्री को 15.3% का झटका लगा है। इस महीने में 85,091 कारों की बिक्री हुई वहीं जून 2024 में 1,00,406 कारें बिकीं थीं।
सेगमेंट-वार पड़ताल: कहां लगी ब्रेक और कहां हुई तेज़ी
ऑटोमोबाइल कंपनियों के टॉप ऑर्गेनाइजेशन Society of Indian Automobile Manufacturers (SIAM) ने अपने रिलीज किए गए डेटा में बताया है कि जून 2025 में इंडियन डोमेस्टिक मार्केट में 85,091 कारों की बिक्री हुई, जो जून 2024 की 1,00,406 यूनिट्स के कॉम्पेरिजन में 15.3% कम है। इतना ही नहीं यह डेटा पिछले 18 महीने का लोवेस्ट लेवल भी है। हालांकि इस पीरियड में कारों के एक्सपोर्ट में 0.3% की बढ़त रही और यह 41,250 यूनिट्स से बढ़कर 41,371 यूनिट्स हो गई।
इस दौरान यूटिलिटी व्हीकल्स की बिक्री 1,83,056 से 0.9% कम होकर 1,81,335 यूनिट्स और एक्सपोर्ट 34,160 से 0.3% घटकर 34,051 यूनिट्स पर आ गई। इसी तरह वैन्स की बिक्री को भी 13.3% का झटका लगा और यह 10,771 से कम होकर 9,340 यूनिट्स रह गई। हालांकि इसके एक्सपोर्ट में 46.2% का उछाल रहा और यह 887 से बढ़कर 1,297 यूनिट्स पर पहुंच गया। कुल मिलाकर इस पीरियड में पैसेंजर व्हीकल्स की कुल बिक्री 2,94,233 के मुकाबले 6.3% घटकर 2,75,766 यूनिट्स रह गई वहीं टोटल एक्सपोर्ट 76,297 से 0.6% बढ़कर 76,719 यूनिट्स हो गया।
टू-व्हीलर: घरेलू बाज़ार में मंदी, पर एक्सपोर्ट में सुपर-बूस्ट
SIAM के मुताबिक, इस पीरियड में डोमेस्टिक मार्केट में टू व्हीलर्स की टोटल बिक्री में 3.4% की गिरावट दर्ज की गई और यह 16,14,154 से कम होकर 15,59,851 यूनिट्स पर आ गई। वहीं, एक्सपोर्ट 2,88,967 से 34.2% बढ़कर 3,87,762 यूनिट्स हो गया। मोटरसाइकिल की बिक्री 10,30,906 से 3.7% कम होकर 9,92,627 वहीं एक्सपोर्ट 2,49,621 के मुकाबले 37.4% उछलकर 3,42,892 यूनिट्स पर पहुंच गया। स्कूटर की सेल्स 5,42,851 से 1.7% कम होकर 5,33,875 यूनिट्स पर आ गई जबकि एक्सपोर्ट 39,262 से 11.0% बढ़कर 43,586 यूनिट्स हो गई। मोपेड की बिक्री 40,397 के मुकाबले 17.4% लुढ़ककर 33,349 पर आ गई जबकि एक्सपोर्ट 84 से 1428.6% की छलांग लगाकर 1,284 यूनिट्स हो गया।
थ्री-व्हीलर: पॉज़िटिव परफ़ॉर्मेंस जारी
हालांकि इस दौरान थ्री व्हीलर्स सेगमेंट का परफ़ॉर्मेंस पॉजिटिव रहा और बिक्री 59,544 से 3.8% बढ़कर 61,828 यूनिट्स पर पहुंच गई और टोटल एक्सपोर्ट 26,060 से 42.7% उछलकर 37,188 यूनिट्स हो गया। इस पीरियड में पैसेंजर कैरियर की टोटल सेल्स 48,780 से 5.3% की बढ़ोतरी लेकर 51,350 यूनिट्स हो गई। वहीं, गुड्स कैरियर की सेल्स 9,166 से 0.3% घटकर 9,141, ई-रिक्शा 1,208 से 13.7% की गिरावट लेकर 1,043 और ई-कार्ट 294 के मुक़ाबले 24.6% लुढ़ककर 294 यूनिट्स पर आ गई।
क्या कहती है कुल तस्वीर
इस तरह सभी सेगमेंट के व्हीकल्स की टोटल बिक्री 3.6% गिर गई और यह 19,67,959 से कम होकर 18,97,445 यूनिट्स पर आ गई। हालांकि ग्रैंड टोटल एक्सपोर्ट में 28.1% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 3,91,918 से उछलकर 5,02,131 यूनिट्स पर पहुंच गई। यह दर्शाता है कि घरेलू बाज़ार में एक तरह की धीमी गति बनी हुई है। हालांकि एक्सपोर्ट डेटा यह दिखाता है कि इंडियन वाहन विदेशों में अपनी मज़बूत पकड़ बना रहे हैं।
सवाल ये है, क्या आने वाले त्योहारी सीज़न में ये मंदी टूटेगी? या फिर शहरी उपभोक्ताओं की ख़रीदने की शक्ति पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ा है? ऑटो उद्योग के विशेषज्ञों की नज़रें अब जुलाई और अगस्त के आंकड़ों पर टिकी हैं, यह देखने के लिए कि क्या यह जून की गिरावट एक अस्थायी झटका है या कोई बड़ा ट्रेंड।