GST 2.0 का धमाका: 04 सितंबर को पता लगेगा छोटी कारें कितनी सस्ती होंगी

नई दिल्ली: ऑटो सेक्टर में आज निवेशक, एक्सपर्ट और ऑटो कंपनियां सभी की निगाहें सरकार के GST 2.0 रिफॉर्म्स पर टिकी हैं। GST पर मिनिस्टर्स ग्रुप (GOM) की मीटिंग के बाद अब 03-04 सितंबर, 2025 को GST Council की मीटिंग नई दिल्ली में होने वाली है। इस मीटिंग में ही तय हो जाएगा कि इंडिया में कारों की क़ीमतों में कितने की कटौती होगी।

ऐसा माना जा रहा है कि वाहनों पर लगने वाला 28% GST घटकर 18% पर आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो Maruti Suzuki, Tata Motors, Mahindra & Mahindra (M&M) और Ashok Leyland जैसे दिग्गजों को ज़बरदस्त फायदा मिलेगा और बाजार में नई रफ्तार देखने को मिलेगी। छोटी कारों के लिए यह कदम किसी गेम-चेंजर से कम नहीं होगा।

छोटी गाड़ियां, जिनकी लंबाई 4 मीटर तक और इंजन 1,200cc तक होता है, उन पेट्रोल, CNG या LPG कारों पर 29% टैक्स लगता है। इसमें 28% GST और 1% सेस शामिल है। छोटी डीज़ल कारों पर ये टैक्स और ज़्यादा यानी 31% तक पहुंच जाता है। बड़ी कारों और SUV पर तो 43 से 50 फीसदी तक टैक्स वसूला जाता है अगर GST को घटाकर 18% कर दिया जाता है तो सबसे बड़ा फायदा इन्हीं छोटी गाड़ियों को मिलेगा। कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी। टैक्स कम होने से गाड़ियों की कीमत घटेगी और आम खरीदारों की जेब पर बोझ कम होगा।

इंडिया में फिलहाल छोटी पैसेंजर कारों—जिनकी लंबाई 4 मीटर तक और इंजन कैपेसिटी 1,200cc तक (पेट्रोल, CNG, LPG) होती है—उन पर कुल 29% टैक्स लगता है। इसमें 28% GST और 1% सेस शामिल है। अगर यही गाड़ी डीज़ल इंजन में है तो टैक्स और बढ़कर 31% हो जाता है। दूसरी तरफ, बड़ी कारें और SUV तो दुनिया के सबसे महंगे टैक्स स्लैब में आती हैं—जहाँ कुल टैक्स दर 43% से 50% तक पहुंचती है। यह कदम ऑटो सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है—एक तरफ़ उद्योग को रफ्तार मिलेगी, दूसरी तरफ़ मिडिल क्लास ग्राहकों की जेब पर बोझ कम होगा।